मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

१६४/२७.५.१५

यक्ष -- राजन ! ये बताओ ......कि .....
युधिष्ठिर - अच्छा अब बस् करो ....जितना उस यक्ष ने नही पूछा था उससे ज्यादा तो तुम पूछ रहे हो
यक्ष - तुम २१ वीं सदी में पानी की कीमत नही जानते ........
युधिष्ठिर - जानता हूँ .....अच्छा पूछो ...
यक्ष - पानी इतना कीमती क्यों है ?
युधिष्ठिर - क्योंकि जहाँ जहाँ भी पानी होना चाहिये , वहाँ का पानी सूख गया है ....सारे स्त्रोत मर रहे हैं ....
यक्ष - कोई उदाहरण ..
युधिष्ठिर - आँख का पानी ....जो अजस्त्र स्त्रोत था .....सूख गया है , अब झूठ भी आँख मिला कर बोला जाता है , अपनी मुँह से अपनी तारीफ़ करने में भी कोई शर्म नही और कफन के बिम्ब को सुरक्षा के बिम्ब से तौला जाने लगा है ....

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