मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

१७२/ ३१ .५.१५

यक्ष -
सबसे जघन्य अपराध क्या है और इसे जघन्य मानने का कारण भी बताओ ?
युधिष्ठिर -
सबसे जघन्य अपराध प्रकृति द्वारा लाखों करोड़ों सालों में बनाई गई सम्पदा का अनावश्यक दोहन | चूंकि यह सम्पदा मानव निर्मित नही है और न ही इसे उसने किसी उपक्रम या श्रम के जरिये अर्जित किया है इसलिए किसी भी समाजिक राजनीतिक व्यवस्था के पास यह प्राधिकार (अथारिटी ) ही नहीं है कि वह इसके बारे में कोई फैसला कर सके | यह पुश्तैनी विरासत है जो जिसपे आने वाली पीढ़ियों का एकमेव अधिकार है |
यक्ष -
तब विकास के माडल का क्या होगा ?
युधिष्ठिर -
ऐसे माडल को बदलना होगा या फिर जितनी सम्पदा का दोहन किया जाना है उस के बदले जितना नुकसान राजनीतिक , सामाजिक, सांस्कृतिक , पर्यावरणीय या अन्य अनेक प्रकार की जैसी भी क्षति होने वाली हो है उसकी भरपाई की जाए ताकि हम विकसित के साथ साथ संरक्षित भी रह सके |

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