मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

20 June 2015


यक्ष -
कहते हैं योग किसी योग-गुरु के सुपरविजन में करना आवश्यक है, वरना परिणाम उल्टा हो सकता है | क्या यह सचमुच इतना लाभकारी है कि बस् करने से लाभ हो जाता है , थोडा विस्तार से उदाहरण देकर समझाओ |
युधिष्ठिर-
योग के लिए किसी तरह के सुपरविजन की जरूरत नही है , बस् कर देने से लाभ हो जाता है | जहाँ तक लाभ की बात है तो , जी हाँ ! योग सचमुच बहुत लाभकारी है | इतना लाभकारी कि एक दिन भी कर देने से चमत्कारिक लाभ होता है | पिछले एक दशक से यानि जब से इस विधा की लोकप्रियता बड़ी है , देश के श्रमजीवी वर्ग ने इसका सबसे ज्यादा लाभ उठाया है |
बेरोजगार होने पर , फसल खराब होने पर , कर्ज में डूबने पर , तमाम रोगों से ग्रसित होने और इलाज के पैसे न होने पर लाखों हताश निराश लोगों ने सिर्फ एक दिन शवासन किया वो भी बिना किसी सुपरविजन के , बिना शास्त्रों में वर्णित रीति से , फिर भी उन्हें चमत्कारिक लाभ हुआ | सारे रोग दूर हो गए , सारे कष्ट मिट गए | सारा कर्जा उतर गया .....और तो और योग के प्रति उनके समर्पण का सम्मान करते हुए देश प्रदेश की सरकारों द्वारा अकसर इन योगियों के परिवारजनों को पारितोषिक के रूप में अच्छी राशि भी प्रदान की जाती है | यह योग के इन्सिडेंटल बेनेफिट्स है |
यानि योग सिर्फ करने वाले के लिए नही वरन उसके पूरे परिवार के लिए लाभकारी है | लोगो में योग के संस्कार पैदा हो , देश में योग संस्कृति के तौर पर विकसित हो तभी देश विकास कर सकता है | भविष्य में , ऐसे चमत्कारिक रूप से लाभकारी आसनों में काफी सम्भावना है ......इस हेतु पर्याप्त अवसर भी सृजित किये जा रहे हैं ......

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