मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

5 June 2015 ·

यक्ष -
एक टैक्सी चालक के अपराध के लिए क्या टैक्सी कम्पनी को बैन करना चाहिये ? इस निर्णय का औचित्य निर्धारण करो |
युधिष्ठिर -
बिलकुल करना चाहिये .....यह एक अत्यंत क्रांतिकारी निर्णय है | ऐसा निर्णय लेना सबके बस की बात नहीं | जहाँ तक औचित्य निर्धारण का सवाल है तो आप यह देखें कि यदि ऐसा नही हो तो टैक्सी कम्पनियां बिना जांचे परखे किसी को भी रख लेंगी और समाज में अपराध बढ़ेंगे | यह समाज की सुरक्षा के व्यापक हित में लिया गया कठोर कदम है |
मेरा मानना है कि राघव जी प्रकरण के बाद भाजपा को , कलमाडी प्रकरण के बाद कांग्रेस को , डी राजा प्रकरण के बाद द्रमुक को भी बैन किया जाना चाहिये था ....ऐसा ही निर्णय अन्य दलों , संस्थाओं , न्याय पालिका , कार्यपालिका , विधायिका , संसद , पब्लिक सेक्टर , प्राइवेट सेक्टर यानि सब जगहों पर बिना किसी भेदभाव के लागू किया जाना चाहिये ..........मेरा वश चले तो देश में एक भी अपराधी मिलने पर देश की भी मान्यता रद्द हो जानी चाहिये ..

परन्तु दुःख यह है कि इतना क्रांतिकारी कदम उठाने के लिए अरविंद जैसा जितेन्द्र और सिंह जैसा बहादुर होना पडेगा ........

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