शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

यक्ष-युधिष्ठिर सम्वाद -37/31/03/15

यक्ष -
रजत शर्मा कौन है ?
युधिष्ठिर -
रजत ' रज ' उपसर्ग से निर्मित शब्द है | रजत , वह चुटकी भर चमकती धूल है, जिसे हस्तिनापुर के राजकुमार , अपनी पतंगें उड़ाने से पूर्व , हवा की दिशा भांपने के लिए , तेज़ी से धरती से उठाते और दुबारा धीरे धीरे धरती पर गिरा देते | हवा की दिशा ठीक वही होती जिस दिशा में यह धूल पुनः धूसरित होती | कालान्तर में इसके गुणों के कारण , शर्मा इसके पीछे चिपक गया | शर्मा , व्यंग्य सूचक प्रत्यय है जिस से इसके कर्मों की व्यंजना स्पष्ट होती है |

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