शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

यक्ष-युधिष्ठिर सम्वाद -15/20/03/15

यक्ष--- आज कल सभी चैनल वी आई पी कल्चर के खिलाफ का बिगुल बजा रहे है , इस के पीछे क्या कारण है ...
युधिष्ठिर - यह पहल प्रथमदृष्टया अत्यंत सुखद और लोकतंत्र में सामंतवाद के अवशेषों को नेस्तनाबूद करती सी प्रतीत होती है परन्तु ......
यक्ष - कोई किन्तु , परन्तु नही वरना ......जो भी बोलो सत्य बोलो...
युधिष्ठिर - आपको याद होगा फ्रांसीसी में क्रान्ति क्या हुआ था .....स्वतंत्रता , समानता , बन्धुत्व जैसे महान लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की पूरी कवायद अन्ततः तत्कालीन विशेषधिकार प्राप्त वर्गों के वर्चस्व को अपदस्थ कर क्रांति का नेतृत्व कर रहे वर्ग के वर्चस्व में तब्दील हो गई थी | आम जनता , जिसने इस क्रान्ति को अपने खून पसीने से सीचा , उसे समाज में न समानता मिली , न बंधुत्व , न स्वतंत्रता ......
यह मुहिम भी उसका भोंडा प्रहसन है जिसका उद्देश्य अत्यंत सीमित है | आपने गौर किया होगा कि ओबामा से मिलने के लिए समाज के इस सर्वाधिक शक्तिशाली वर्ग के प्रतिनिधियों की लाइन में लगने की तस्वीरें जब से आम जनता के बीच वाइरल हुई उन्हें अपने वर्चस्व के दुर्ग में यह बड़ी दरार दिखाई दी जिसे पाटने के लिए यह मुहिम अचानक तेज हुई है | उनसे यह बर्दाश्त नही था कि सिर्फ राजनीतिक प्रभु ही मौजूदा वी आई पी कल्चर के केंद्र में रहे ......
इस कूट उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमेशा की तरह इस बार भी बड़ी बड़ी बातें की जा रही है ताकि इसके जरिये जनमत अपने पक्ष में कर यह वर्ग अपना प्रच्छन्न लक्ष्य पूरा कर सके ....

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