शुक्रवार, 17 अप्रैल 2015

यक्ष-युधिष्ठिर सम्वाद -54/04/04/15

यक्ष -
हे राजन ! मैं तुमसे इतना प्रश्न करता हूँ , तुम्हारे समस्त अनुभव और ज्ञान की परीक्षा लेता हूँ , तुम इस से विचलित क्यों नहीं होते ......?
युधिष्ठिर -
क्योंकि मुझे यह ज्ञान भी है कि मेरा सारा ज्ञान , मेरा सारा अनुभव , यदि मेरे भूखे प्यासे सहोदरों की भूख प्यास न मिटा सके तो ऐसा ज्ञान अकारथ है | इस वक्त मेरा ज्ञान यदि एक लोटा जल के बराबर भी तुल जाए तो यह मेरे ज्ञान की सर्वोत्तम उपलब्धि है |

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