सोमवार, 18 जनवरी 2016

१५१/२३.५.१५

यक्ष -
रक्षा मंत्री ने आतंकवाद पर कांटे से कांटा निकालने वाला जो बयान दिया है क्या वह उचित है
युधिष्ठिर -
बिलकुल उचित है | किसी भी देश का रक्षा मंत्री सिर्फ रक्षा मंत्री नही होता वह आक्रमण मंत्री भी होता है परन्तु परम्परागत तौर पर यह तथ्य घोषित नही किया जाता......
यक्ष -
परन्तु दुश्मन को सचेत करने की कोई परम्परा नही और ये भी कोई परम्परा नही कि रणनीति का खुलासा कर दिया जाए |
युधिष्ठिर -
देश काल के अनुरूप परम्पराएं बदलती भी है | अब हमारे देश की परम्पराएं बदल चुकी है | जैसे '' मन की बात '' जिसे मन में रखा जाता था , अब सार्वजनिक करने की परम्परा है | यह भी रक्षा मंत्री के '' मन की बात '' ही थी जिसे उन्होंने सार्वजनिक कर दिया |

यक्ष - परम्परा बदलने का प्रभाव क्या होगा ?
युधिष्ठिर - प्रभाव के बारे में सोच कर परम्परा बदलने की परम्परा भी अब बदल गई है | अब परम्परा बदल कर प्रभाव देखने की परम्परा है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें