सोमवार, 18 जनवरी 2016

१४७/ २२.५.१५

यक्ष -
राजन ! तुम कर्म से क्षत्रिय नही लगते , तुम्हारी जाति क्या है ?
युधिष्ठिर -
मैं जन्मना क्षत्रिय हूँ परन्तु कर्मणा मैं उस जाति से हूँ जिसके बिना यह धरती एक दिन में नर्क में बदल जायेगी | मैं , जाति से भंगी हूँ और मेरी उपजाति मोहभंगी है |

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