सोमवार, 18 जनवरी 2016

१३२ /११.५.१५

यक्ष -
किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर गीता में क्या कहा गया है ?
युधिष्ठिर -
क्यों व्यर्थ की चिंता करते हो? किससे व्यर्थ डरते हो? कौन तुम्हें मार सक्ता है? अात्मा ना पैदा होती है, न मरती है।जो हुअा, वह अच्छा हुअा, जो हो रहा है, वह अच्छा हो रहा है, जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा। तुम भूत का पश्चाताप न करो। भविष्य की चिन्ता न करो। वर्तमान चल रहा है।परिवर्तन संसार का नियम है। जिसे तुम मृत्यु समझते हो, वही तो जीवन है........

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें