सोमवार, 2 नवंबर 2015

८२ / १९ /४/१५

यक्ष -
पाण्डु लिपि किसे कहते है ...क्या इसका तुम्हारे पिता से कोई सम्बन्ध है |
युधिष्ठिर -
जी हाँ .....पाण्डु लिपि , वह लिखित क्रिया है जिसके जरिये व्यक्ति अपना क्लेम दाखिल करता है जिसमे , अधिकाँश क्लेम स्वीकृत नहीं होते ...
इसका सर्वोत्तम उदाहरण हम पांडव स्वयम है .....हम पांडव , मूल पांडु-लिपि है जिसे हस्तिनापुर के प्रभु प्रकाशकों ने अस्वीकृत कर दिया है | हम प्रभु प्रकाशकों द्वारा निर्देशित संशोधन के दौर से गुज़र रहे है फिर भी , कत्तई आश्वस्त नही है | दुनिया की प्रथम ज्ञात पांडुलिपि , के अस्वीकृत होने के अपशकुन के कारण , कालान्तर में , पांडुलिपियों का प्रारब्ध अस्वीकार में परिणत हो गया |

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