सोमवार, 2 नवंबर 2015

८० / १८/४/१५

यक्ष -
आर्यावर्त में अच्छे दिन कब तक आयेंगे या इसमें अभी कोई संदेह है ..
युधिष्ठिर -
जिस प्रकार से घटनाएँ घट रही है उसे देखते हुए अच्छे दिन के बजाय मुझे तो दूसरे महाभारत के आसार दिख रहे हैं ...
यक्ष -
अपने कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट करो ....
युधिष्ठिर -
इस वैज्ञानिक युग में , जब कि , पृथ्वी के कोने कोने का सर्विलांस आसानी से संभव है , जिसके लिए , मीडिया से लेकर पक्ष प्रतिपक्ष सबका खोजी अभियान जारी हो ... इतनी विकट चुनौती के बीच अज्ञातवास सफलता पूर्वक सम्पन्न कर लेना , निश्चित ही उनके पक्ष को अब और मजबूत करता है | इसके बाद भी हस्तिनापुर पर उनका क्लेम यदि प्रापरली सेटिल नहीं हुआ तो दूसरे महाभारत के अलावा क्या विकल्प है .......
उधर , दूसरे पक्ष का रुख भी तो देखें .....उनके इरादे कहीं से सेटलमेंट के पक्ष में नहीं दीखते | इसी अज्ञातवास के बीच ही उनके दलपति घूम घूम कर , यूरेनियम सहित तमाम लडाकू विमान महंगे दामों में इकठ्ठा करने मे जुट गए है | और तो और , अज्ञातवास के सफल होने की सूचना मिलते ही मानो किसी अज्ञात भय की आशंका में फौरन हस्तिनापुर लौट आये है ..............
युद्ध में जीत किसी की हो , जनता के लिए तो हर युद्ध हमेशा बुरे दिन ही लाता है ..

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