यक्ष -
वामपंथी दलों का जनाधार लगातार सिकुड रहा है | कांग्रेस से गठबन्धन के जाहिर नुक्सान से उन्हें क्या सबक मिला है ? अब आगे ये क्या करंगे ?
युधिष्ठिर -
वामपंथी दलों को इस से दो महत्वपूर्ण सबक मिला है |
वामपंथी दलों का जनाधार लगातार सिकुड रहा है | कांग्रेस से गठबन्धन के जाहिर नुक्सान से उन्हें क्या सबक मिला है ? अब आगे ये क्या करंगे ?
युधिष्ठिर -
वामपंथी दलों को इस से दो महत्वपूर्ण सबक मिला है |
१. कि उन्हें बाहर से समर्थन नही करना चाहिये |
२. कि उनके नारे एकेडमिक ज्यादा थे लिहाजा उसमे अपील की कमी थी और वो लोगों को प्रभावित नही कर पाए ......
इस सबक के मद्देनज़र उन्होंने अपनी नीति और नारे दोनों बदलते हुए तय किया है ...
१ कि अब वे सरकार में शामिल होंगे
२. कि अब उनका नारा होगा '' सौ सौ जूता खाय / तमाशा घुस के देखेंगे ''
२. कि उनके नारे एकेडमिक ज्यादा थे लिहाजा उसमे अपील की कमी थी और वो लोगों को प्रभावित नही कर पाए ......
इस सबक के मद्देनज़र उन्होंने अपनी नीति और नारे दोनों बदलते हुए तय किया है ...
१ कि अब वे सरकार में शामिल होंगे
२. कि अब उनका नारा होगा '' सौ सौ जूता खाय / तमाशा घुस के देखेंगे ''
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