यक्ष -
आज परशुराम जयंती है | क्या तुम भी परशुराम को पूज्य मानते हो , यदि हाँ तो क्यों ?
युधिष्ठिर -
जी मानता हूँ .......परशुराम मेरे पूज्य इसलिए हैं क्योंकि ..
.
१.
गुस्सा उनकी नाक पर निवास करता था | वह हर छोटी बड़ी चीज़ को नाक का सवाल बना लेते थे | इस स्वार्थी जगत में कितने लोग नाक के सवाल को इतना महत्व देते है |
आज परशुराम जयंती है | क्या तुम भी परशुराम को पूज्य मानते हो , यदि हाँ तो क्यों ?
युधिष्ठिर -
जी मानता हूँ .......परशुराम मेरे पूज्य इसलिए हैं क्योंकि ..
.
१.
गुस्सा उनकी नाक पर निवास करता था | वह हर छोटी बड़ी चीज़ को नाक का सवाल बना लेते थे | इस स्वार्थी जगत में कितने लोग नाक के सवाल को इतना महत्व देते है |
२.
उन्होंने धरती को इक्कीस बार क्षत्रिय विहीन कर हमारा बहुत भला किया वरना कौरवों की सेना कितनी बड़ी होती कल्पना करना मुश्किल है |
३.
उन्होंने पिता के कहने पर अपनी माता का गला काटा था | आजकल कौन बेटा अपने बाप का कहा मानता है |
४.
हस्तिनापुर हस्तगत करने में उनके योगदान को हम पांडव कैसे भूल सकते है | उन्होंने ही कर्ण को शाप दिया था कि जब उसे ब्रह्मास्त्र की सबसे ज्यादा जरूरत होगी वह उसे भूल जाएगा ....यदि यह न होता तो ...
पांचवां और अंतिम तो नितांत निजी अभिरुचि के कारण .....वो यह कि उन्हें भी मेरी तरह कोंहड़ा बहुत पसंद था | जैसे ही उन्हें पता चला कि जनक की सभा में कोई कुम्हड़े की बतिया तक नही है उनका गुस्सा देखते ही बनता था .....परशुराम लक्ष्मण सम्वाद की यह अंतर कथा है , जो सिर्फ मुझे मालूम है .....
उन्होंने धरती को इक्कीस बार क्षत्रिय विहीन कर हमारा बहुत भला किया वरना कौरवों की सेना कितनी बड़ी होती कल्पना करना मुश्किल है |
३.
उन्होंने पिता के कहने पर अपनी माता का गला काटा था | आजकल कौन बेटा अपने बाप का कहा मानता है |
४.
हस्तिनापुर हस्तगत करने में उनके योगदान को हम पांडव कैसे भूल सकते है | उन्होंने ही कर्ण को शाप दिया था कि जब उसे ब्रह्मास्त्र की सबसे ज्यादा जरूरत होगी वह उसे भूल जाएगा ....यदि यह न होता तो ...
पांचवां और अंतिम तो नितांत निजी अभिरुचि के कारण .....वो यह कि उन्हें भी मेरी तरह कोंहड़ा बहुत पसंद था | जैसे ही उन्हें पता चला कि जनक की सभा में कोई कुम्हड़े की बतिया तक नही है उनका गुस्सा देखते ही बनता था .....परशुराम लक्ष्मण सम्वाद की यह अंतर कथा है , जो सिर्फ मुझे मालूम है .....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें