यक्ष -
आज के सन्दर्भों में भारतीय दंड संहिता में '' अपराध '' को पुनर्परिभाषित करो ...
युधिष्ठिर -
एतद्द्वारा , कोई भी ऐसा कृत्य , जो , जघन्य अथवा सामान्य अपराध के तौर पर परिभाषित है , यदि आन रिकार्ड नही कारित हो तो उसे अपराध नही माना जाएगा , ऐसा करने वाले , मात्र खेदप्रकाश कर , किसी भी प्रकार के दंड से उन्मुक्त कर दिये जायेंगे | रिपीटेड अफेंडरों के मामले में , प्रधान मंत्री अथवा मुख्यमंत्रियों के पास यह विशेषाधिकार सुरक्षित होगा कि ऐसे अफेंडरों के कारनामों के एवज में वे , केंद्र अथवा राज्य में उन्हें , मंत्री पद से सम्मानित कर सकते हैं |
आज के सन्दर्भों में भारतीय दंड संहिता में '' अपराध '' को पुनर्परिभाषित करो ...
युधिष्ठिर -
एतद्द्वारा , कोई भी ऐसा कृत्य , जो , जघन्य अथवा सामान्य अपराध के तौर पर परिभाषित है , यदि आन रिकार्ड नही कारित हो तो उसे अपराध नही माना जाएगा , ऐसा करने वाले , मात्र खेदप्रकाश कर , किसी भी प्रकार के दंड से उन्मुक्त कर दिये जायेंगे | रिपीटेड अफेंडरों के मामले में , प्रधान मंत्री अथवा मुख्यमंत्रियों के पास यह विशेषाधिकार सुरक्षित होगा कि ऐसे अफेंडरों के कारनामों के एवज में वे , केंद्र अथवा राज्य में उन्हें , मंत्री पद से सम्मानित कर सकते हैं |
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